What is EPS in Stock Market? | Earning Per Share Explained

     What is EPS in Stock Market? 


    जहां हम बात करते हैं Stock Market से जुड़े Terms और Ratios की तो अगर आप Stock Market में नए हैं तो यह Video Series आपके बहुत काम आएगी और आगे आने वाले Terms आपसे कहीं Miss ना हो जाए 

    ESP Definition 

    EPS की यानि, Earning Per Share Future में Stock Perform करेगा यह उसके Growth Factors पर Depend करता है और EPS Growth Factor का एक Indicator है

     EPS हमें बताता है कि अगर Company अपना पूरा Profit Shareholders में बांट दे तो Per Share आपको कितने रुपए मिलेंगे EPS आपको हर Stock Analysis Site पर सामने ही मिल जाएगा पर EPS की Movement के पीछे क्या Factors है उन्हें जानने के लिए आपको इसका Formula पता होना बहुत जरूरी है और EPS का Formula होता है Earnings या कहें तो Profit After Tax Divided By Number of Outstanding Shares तो यहां पर एक बात तो साफ हो जाती है कि जितना ज्यादा EPS उतना अच्छा लेकिन सिर्फ एक साल की EPS को देखकर हम कुछ Decide नहीं कर सकते 

    EPS Consistently Grow 

    आपको Minimum पिछले पांच साल का EPS देखना होगा अगर EPS Consistently Grow कर रहा है तो यह अच्छा Sign है पर क्योंकि Company भी यह जानती हैं कि High EPS कई Investors को Attract करता है जिस वजह से कुछ Company EPS को Manipulate भी करती हैं तो सिर्फ EPS देखने से नहीं होगा आपको EPS के Driving Factors भी जानने होंगे कोई Sudden Movement हुआ तो क्यों हुआ, 

    EPS Decline


    Decline आया तो क्यों आया Ideally, हम देखें तो Company के Profit में Growth होने से EPS बढ़ेगा पर हर Company के साथ ऐसा नहीं होता Even यह भी Possible है कि Company के Earnings Decrease हो रही हो पर EPS बढ़ रहा हो आइए एक Example की मदद से समझते हैं एक Company ABC है जिसके Number of Shares 1 lakh है और एक Share का Price है ₹100 और Company ने इस साल ₹10 लाख का Profit Generate किया है


     तो 2022 का EPS हो गया Earnings यानि, 10 Lakhs Divided By Number of Outstanding Shares यानि, 1 Lakh Equal to ₹10 अब Ideal Condition यह है कि Company अपना Profit Increase करें जिससे EPS अपने आप Increase होगा और Eventually, उसका फायदा Shareholders को मिलेगा पर अब यहाँ Formulae पर ध्यान दें तो EPS Inversely Proportional है

     Number of Shares 

     Number of Shares के यानि, अगर Number of Shares के साथ कोई भी बदलाव हुआ तो EPS भी बदल जाएगा आइए देखते हैं कैसे अब Company ने 2022 में भी Same 10 लाख की ही Earning की पर इस बार Company ने 10,000 Shares का Buyback कर लिया जिस वजह से Company के Outstanding Shares 1 लाख से कम होकर 90,000 ही रह गए तो अब EPS हो जाएगा 10 Lakhs Divided By 90,000 यानि, ₹11.11 पैसे यानि, सीधे 11% की Growth EPS में लेकिन Earning में कोई Growth नहीं हुई 

    What is EPS in Stock Market? | EWhat is EPS in Stock Market? | Earning Per Share Explainedarning Per Share Explained

    What is EPS in Stock Market? | Earning Per Share Explained


    ऊपर से Investor को साफ 11% की Growth दिखेगी अब दूसरा Scenario लेते हैं जिसमें अगले साल 2023 में Earning Decrease हो गई और 9 लाख ही रह गई लेकिन Again Company 20,000 Shares का Buyback करती है तो EPS हो जाएगा 9 Lakh Divided By 70,000 Equals to ₹12.85 पैसे यानि, Again 15% का Increment और आपको EPS की Table कुछ ऐसी दिखेगी अब यहां भले ही EPS Attractive लग रहा है ऊपर से But Reality 

    Deep Analysis 

    आप जानते हैं Company को Profit Generate करने में खासा दिक्कत आ रही है हालांकि ऐसा कुछ बहुत कम देखने को मिलता है पर हमारे कहने का मतलब है कि आपको हर Ratio का Deep Analysis करना होगा सिर्फ Overview से काम नहीं चलेगा आइए एक दूसरा Scenario देखते हैं जहां पर Company के Earnings Consistently बढ़ रही है और Number of Shares में भी कोई बदलाव नहीं है 

    Company अच्छा Profit भी Generate कर रही है पर Company Profit Generate करने के लिए Highly Dependent है Debt पर यानि, EPS की Consistent Performance के पीछे Debt का बड़ा हाथ है और यह अच्छी बात नहीं क्योंकि अभी भले ही Company का EPS बहुत ही Attractive लग रहा हो 


    EPS में Growth भी अच्छी हो रही हो पर Future मे Company को यही Debt Repay करने में बहुत दिक्कत आ सकती है जिसका सीधा फर्क Company के Shares में दिखेगा यह सोचने वाली बात है कि जब Company Profit Generate करने के लिए ही Debt ले रही है तो Debt की Repayment कैसे करेगी आगे चलकर Company Default करने लगेगी और हो सकता है Bankrupt भी हो जाए हालांकि Company 



    में यह बहुत Normal है कि Debt लेकर Business बढ़ाना पर एक Limit तक क्योंकि Extremely Heavy Debt Company से Investor क्या Lenders भी बहुत दूर रहते हैं अब बात यह आती है कि आपको कैसे पता चलेगा कि Company Excess Debt में है कि नहीं तो आप Debt to Equity Ratio देख सकते हैं जो हमें एक Overview देता है कि Company पर Debt कितना है और उसे उस Company के Competitor से Compare कर सकते हैं अगर उस Company का DE Ratio बाकी Competitor के आसपास है तो ये Indication है कि Company में Excess Debt नहीं है तो Finally,




     यह Manipulation Techniques और Examples देने का हमारा सिर्फ एक मकसद था कि कोई भी Ratio हो जो Company को Affect कर रहा हो Even Positively ही क्यों नहीं उसके पीछे के Driving Factors को जरूर देखें Otherwise आप एक गलत Company में अपनी मेहनत की कमाई Invest कर देंगे तो यह तो थी बात EPS की और ऐसे ही कई Factors को जानने और समझने के बाद ही हम किसी Conclusion पर पहुँच सकते हैं तो सिर्फ EPS अच्छा है बस यह देखने से काम नहीं चलेगा ऐसे कई Ratios हैं जो हमें ध्यान देने होते हैं 

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